मनोज कुमार दुबे
बरसात के दिनों में कैसे करें धनिया की खेती, 300 रुपये प्रति किलो तक मिलता है थोक भाव
धनिया की खेती बारिश के दिनों में काफी फायदेमंद होती है. क्योंकि गर्मियों के मुकाबले बरसात के दिनों में इसकी मार्केट में आवक बहुत कम होती है. एक हेक्टेयर में लगभग 10 क्विंटल तक हरी धनिया प्राप्त होती है. इस तरह लाखों की कमाई होती है.
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बारिश के दिनों में धनिया की खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. ऐसा उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के किसान कर रहे हैं. यहां धनिया की खेती कटरी तथा कटियारी क्षेत्रों में बड़े स्तर पर की जा रही है. यह सवायजपुर तहसील क्षेत्र में आता है. यह क्षेत्र गंगा की तलहटी वाला क्षेत्र है जहां पर किसान काफी समय से धनिया की खेती कर रहे हैं. इस क्षेत्र में उगने वाली धनिया उत्तम मानी जाती है. तेरा पुरसौली गांव निवासी किसान शिवकुमार कई साल से बारिश के दिनों में धनिया की खेती करते चले आ रहे हैं .इस समय उगाई गई धनिया की बाजार में अच्छी कीमत मिलती है.
इस समय उगाई गई हरी धनिया बाजार में करीब 300 रुपये प्रति किलो तक थोक भाव में बिकती है. धनिया की कमी बाजार में होने के कारण इसका एक पौधा 10 रुपये तक में बिकता है. जून व जुलाई के महीने में खेत की गहरी जुताई करने के साथ ही वह खेत की घास और खरपतवार को निकाल देते हैं. ज्यादा खरपतवार होने पर वह बुवाई से 15 दिन पहले खेत में दवा का इस्तेमाल कर देते हैं. छिड़काव करने से खरपतवार खेत से खत्म हो जाते हैं. खेत तैयार करने से पहले वह सड़ी हुई गोबर की खाद खेत में बिखेर देते हैं.
शिवकुमार ने बताया कि खेत की अच्छी तरीके से जुताई करने के बाद वह डीएपी और पोटाश का उचित मात्रा में इस्तेमाल करते हुए रोटावेटर से खेत की मिट्टी को जोतकर भुरभुरा बना लेते हैं. खेत में हिसार सुगंध नामक बीज का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसमें बीज बोने के बाद में बहुत जल्द अंकुरण होता है. बारिश के दिनों में मेड़ बनाकर धनिया की बुवाई कर रहे हैं. धनिया को बोने से पहले उसके बीज को जूट की बोरी में भिगो कर रख दिया जाता है. तीन-चार दिन के बाद उसे लगा दिया जाता है. इससे बीज का अंकुरण और अच्छा होता है.
कीटों से बचाव के लिए वह उद्यान विभाग के बताए गए तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. बारिश के दिनों में नमी के कारण पौधों को सुरंग बनाकर कई प्रकार के कीट नुकसान पहुंचाते हैं. इसकी रोकथाम के लिए क्लोरोपायरीफास नामक दवा का उचित मात्रा में घोल बनाकर छिड़काव किया जाता है. बारिश के बाद यह धनिया बाजार में जाने के लिए तैयार हो जाती है. बारिश के दिनों से ठीक पहले लगाई गई धनिया बाजार में आ चुकी है, जो अच्छी कीमत में बिक रही है.
हरदोई के जिला उद्यान अधिकारी सुरेश कुमार ने बताया जिले कई उन्नतशील अनुभवी किसान धनिया की खेती से लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं. इन दिनों की जाने वाली धनिया की खेती किसान की उम्मीद से ज्यादा मुनाफा देती है. एक हेक्टेयर में लगभग 10 क्विंटल हरी धनिया प्राप्त होती है. धनिया की बीज की बाजार में काफी मांग है. इसे मसाले के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है.
भारत में बनने वाली हर सब्जी में धनिया की आवश्यकता होती है. इसे सूखा और हरी दोनों अवस्था में इस्तेमाल किया जाता है. कभी-कभी तो धनिया के बीज का प्रति क्विंटल भाव 10 हजार रुपये तक चला जाता है. जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि धनिया किसान के लिए हर अवस्था में पैसों की बरसात करने वाली फसल साबित हो रही है.
नैतिक पत्रकारिता के कट्टर समर्थक, अपने 20 साल के करियर के दौरान भारत के प्रमुख प्रकाशनों के साथ काम करने के बाद अपना मीडिया हाउस- चौपाल न्यूज़ नेटवर्क शुरू किया।
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